FIR Full Form in Hindi:- हेलो दोस्तों कैसे हैं आप? उम्मीद है आप सभी लोग स्वस्थ होंगे और अपने जीवन का आनंद ले रहे होंगे। दोस्तों आज हम आपके लिए एक बहुत ही खास आर्टिकल लेकर आए हैं। आशा करते हैं यह आपको जरूर पसंद आएगा। आज हम FIR के विषय मे बात करने वाले हैं। FIR का फुल फॉर्म क्या होता है? अर्थात FIR Full Form in Hindi। अगर हम FIR की परिभाषा की बात करें तो कम शब्दों में हमें यह कह सकते हैं कि जब किसी भी घटना या शिकायत की पहली बार जांच के लिए एप्लीकेशन लिखी जाती है, तो उसी को FIR कहा जाता है।
अर्थात प्रथम सूचना रिपोर्ट को FIR कहते हैं। बाकी FIR के विस्तृत रूप को आज हम अपने आर्टिकल में अच्छे से समझने वाले हैं। अतः आप आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें। FIR नाम शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसने ना सुन रखा हो- एफ आई आर का फुल फॉर्म क्या होता है? एवं FIR से संबंधित बहुत सारी जानकारी हम अपने इस आर्टिकल FIR Full Form in Hindi में आपके साथ साझा करेंगे। साथ-साथ यह भी बताएंगे कि आप एक FIR को ऑफलाइन या फिर ऑनलाइन दोनों तरीकों से कैसे जमा कर सकते हैं।
इसके साथ ही साथ आप FIR इस अलग अलग तरीके जानेंगे। तो इन सभी जानकारियों को समझने के लिए आपको हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़ते रहना है। उम्मीद करूंगा दोस्तों की आपको यह आर्टिकल बहुत ही फायदेमंद साबित होगा।
FIR Full Form in Hindi में (FIR Full Form in Hindi)
एफ आई आर का फुल फॉर्म होता है – फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट (First Information Report)। FIR को हिंदी में प्रथम सूचना रिपोर्ट अथवा प्राथमिकी भी कहा जाता है। एफ आई आर, किसी भी अपराध के बारे में दी गई वह प्राथमिक जानकारी होती है जो पीड़ित के द्वारा पुलिस थाने को दी जाती है।
दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि India मे पहली FIR, उर्दू भाषा में 18 oct सन 1861 में लिखी गई थी। हम अपने आज के आर्टिकल FIR Full Form in Hindi में FIR से संबंधित बहुत सारी बातों के बारे में चर्चा करने वाले हैं, जो आप की जानकारी को बढ़ाएंगे। एफ आई आर लिखते समय कौन सी बातें ध्यान में रखनी है यह हम अगले चरण में जाने वाले हैं।
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जीरो FIR से क्या तात्पर्य है? (What is meant by zero FIR?)
कभी-कभी FIR, घटनास्थल से दर्ज ना होकर किसी अन्य थाने में FIR को दर्ज कराना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति तब होती है, जब कभी भी क्षेत्र के थाने का माहौल विषम परिस्थितियों में हो। बाहरी थाने पर घटना की सूचना देने पर वहां गंभीरता से इस विषय को नहीं लिया जाता है। तो इसमें पीड़ितों को समस्या का सामना करना पड़ता था।
अतः सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए एक नियम बनाया जिसे जीरो FIR अवधारणा कहते हैं। बारिश क्षेत्र के थाने में एफ आई आर दर्ज करवाते हैं, तो इस FIR को आप अपने क्षेत्र के थाने में ट्रांसफर भी करवा सकते हैं।
FIR एप्लीकेशन लिखने से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी (Very Important things related to write a FIR)
चलिए दोस्तों बात कर लेते हैं कि एप्लीकेशन या FIR लिखते समय आपको कौन-कौन सी बातें ध्यान में रखनी है इससे कि आपका FIR एकदम सही फॉर्मेट में लिखा जाए-
- जब आप एफ आई आर देने पुलिस थाने में जाएंगे तो अपने क्षेत्र के थाने में ही FIR दें, जिससे कि आपकी समस्या का समाधान जल्द से जल्द हो सके।
- अब आप जिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने वाले हैं उसका पूरा पता लिखे।
- इतना करने के बाद घटना के बारे में संक्षेप में आप विषय कॉलम के अंतर्गत थोड़ा बता सकते हैं।
- ऊपर के स्टेप्स करने के बाद एप्लीकेशन में अपना पूरा नाम आप कहां के रहने वाले हैं अधिक जानकारी देते हुए अपने घटना का पूर्ण रूप से वर्णन करें। आप घटना का समय और स्थान भी अच्छी तरीके से उस एप्लीकेशन के अंदर लिख दे।
- घटनास्थल पर मौजूद लोगों के विषय में भी हम जानते हैं उनका नाम भी लिख सकते हैं यदि आप अपराध करने वाले व्यक्ति को अच्छी प्रकार से जानते हैं तो इस एप्लीकेशन में उसके बारे में जरूर बताएं।
- घटनास्थल से संबंधित जितने भी प्रूफ जैसे ऑडियो या वीडियो आपके पास हैं तो आप उन सभी चीजों को उस एप्लीकेशन में समाहित (included) करें।
- अगर आपके पास इन जानकारियों के अलावा भी कोई और जानकारी है, जिससे अपराधी को पकड़ने में सहायता मिल सके तो आप उस जानकारी को भी अपनी एप्लीकेशन के अंदर जरूर लिखें। क्योंकि इससे आपको न्याय मिलने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
- आपके द्वारा लिखे गए प्रार्थना पत्र एप्लीकेशन के साथ आप अपना एक कोई भी आईडी प्रूफ जरूर संलग्न करें।
- अब अंत में आप अपनी एप्लीकेशन के नीचे अपने हस्ताक्षर अवश्य कर दे
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जब पुलिस एफ आई आर दर्ज ना करे तो क्या करना चाहिए? (What should be done when the police do not register an FIR?)
मित्रों यह विषय अपने आप में ही बहुत विस्तृत है। परंतु हम फिर भी अपने आर्टिकल FIR Full Form in Hindi में इस विषय को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। मित्रों कई बार ऐसा होता है कि पुलिस द्वारा हमारी एफ आई आर दर्ज ना करने की शिकायतें मिलती है। तो इस स्थिति में आपको क्या करना है यही हम बताने वाले हैं। FIR के लिए आप ऑनलाइन भी FIR (फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट)कर सकते हैं या आप किसी डाक खाने पर जाकर अपने क्षेत्रीय पुलिस को FIR लिखकर भेज सकते हैं।
आप चाहे तो अपनी बात सीनियर ऑफिसर्स तक भी पहुंचा सकते हैं। सीनियर ऑफिसर के अंतर्गत जैसे अपर पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक (Additional Superintendent of Police and Superintendent of Police) से कर सकते हैं। अगर इसके बाद भी आपकी कोई भी सुनवाई नहीं हो तो फिर आप अंततः एक ही तरीका अपनाएं की आप अपने क्षेत्र के मजिस्ट्रेट के सामने अपनी बात को लिखित रूप में रखें।
मोबाइल फोन या स्मार्टफोन से एफ आई आर दर्ज करने का तरीका (How to file FIR from mobile phone or smartphone)
दोस्तों यदि आपको लगता है कि आपके साथ किसी ने कुछ गलत किया है या आपके साथ वास्तव में कुछ गलत हुआ है, जिसकी सूचना पुलिस को देना चाहते हैं और अपराधी को पकड़ पाना चाहते हैं। परंतु आप थाने पर जाने से हिचक रहे हैं, तो आप अपने मामले की एफ आई आर ऑनलाइन भी दर्ज करवा सकते हैं। परंतु याद रखें कि कोई गंभीर मामला हो तभी एफ आई आर दर्ज करवाएं।
छोटी मोटी बातों के लिए एफ आई आर दर्ज करवाना ज्यादा उचित नहीं रहता है। ऑफलाइन तरीके से एफ आई आर लिखना हमने इस आर्टिकल FIR Full Form in Hindi में ऊपर बताया है। ऑनलाइन एफ आई आर दर्ज करवाने के लिए आपको सबसे पहले राज्य पुलिस स्टेशन की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा। यदि उदाहरण के तौर पर हम उत्तर प्रदेश की बात करें, तो आपको गूगल पर उत्तर प्रदेश पुलिस लिखकर सर्च करना होगा।
जैसे ही आप इतना काम कर देंगे, आपको यू पी सी ओ पी (UPCOP) एप्लीकेशन दिखाई देगा। आप इसको (upcop mobile application) अपने फोन में डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त आप यूपी पुलिस डॉट जीओवी (Uppolice.gov.in) वेबसाइट पर जाकर भी e-FIR कंप्लेंट ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं।
एफ आई आर दर्ज होने के बाद की क्या प्रक्रिया होती है? (What is the process after the FIR has been registered?)
मित्रों जब एक बार कोई व्यक्ति या पीड़ित व्यक्ति एफ आई आर दर्ज करवा देता है, तो पुलिस का यह दायित्व बनता है कि वह उस मामले में पीड़ित व्यक्ति की हर संभव प्रयास से मदद करें और अपराधियों को पकड़ने का प्रयास करें। अतः FIR (फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट) होने के बाद पुलिस साक्ष्य (Proofs) जुटाने में लग जाती है। वह घटनास्थल की जांच कराती है, और घटनास्थल पर मौजूद लोगों से पूछताछ करती है।
जिससे कि मामले को सुलझा ने में और भी आसानी हो। वह कई गवाहों के बयान दर्ज करती है और घटनास्थल पर प्राप्त की गई वस्तुओं को फॉरेंसिक लैब में चेक करने के लिए भेज देती है। जिस समय पुलिस का परीक्षण पूरा हो जाता है और आरोपी की पहचान हो जाती है तब पुलिस, अपराधी के खिलाफ चालान या आरोप लेटर तैयार करती है।
हमने एफ आई आर से संबंधित आर्टिकल FIR Full Form in Hindi में आज बहुत सारी नई नई जानकारियों को आपके साथ साझा किया है जो आपके ज्ञान में अवश्य ही वृद्धि करेंगी।
FIR Full Form in Hindi से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न का उत्तर (Some Important Frequently Asked Questions And Answers)
Ques. FIR का फुल फॉर्म हिंदी में क्या है? (What is FIR Full form in hindi?)
Ans. हिंदी में एफ आई आर का फुल फॉर्म होता है प्रथम सूचना रिपोर्ट।
Ques. ईएफआईआर (e-FIR) किसे कहते हैं? (What is e-FIR?)
Ans. पीड़ित द्वारा अपनी शिकायत का एफआईआर ऑनलाइन दर्ज कराना ईएफआईआर (e-FIR) कहलाता है। आप उस राज्य की पुलिस की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन FIR कर सकते हैं।
Ques. भारत में पहली बार FIR कब लिखी गई थी? (When was the first FIR filed in India?)
Ans. भारत में पहली बार FIR, 18 अक्टूबर सन 1861 को लिखी गई थी, जो कि उर्दू भाषा में थी।