Trading In Hindi | Trading क्या है?

Trading In Hindi :- हेलो! तो कैसे हैं आप लोग? आज हम बात करेंगे ट्रेडिंग (Trading) और Trading In Hindi, Trading meaning in Hindi के बारे में। दोस्तों ट्रेडिंग (Trading) एक ऐसा शब्द है जिसका अपने आप में एक विशाल क्षेत्र है। ट्रेडिंग सबसे छोटा है उसके अर्थ उतने ही बड़े हैं। अर्थात अगर आप ट्रेडिंग (Trading) के बारे में बहुत अच्छे से समझना चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल Trading In Hindi को अंत तक जरूर पढ़ें।

ट्रेडिंग (Trading) को बहुत ही आसान भाषा में हम आप को समझाने वाले हैं। दोस्तों ट्रेडिंग का तात्पर्य शेयर मार्केट से भी लगाया जाता है। सरल शब्दों में कहें तो ट्रेडिंग को आप इस प्रकार समझ सकते हैं कि यदि कोई व्यक्ति बाजार से कुछ सामान लाकर बेचता है तो वह भी उस सामान का ट्रेडर कहलाता है।

अर्थात हमारी बात का तात्पर्य ही है की वस्तुओं के लेनदेन क्रय-विक्रय से संबंधित क्रियाकलापों को ट्रेडिंग (Trading) के अंतर्गत रखा जाता है। तो दोस्तो बने रहिए हमारे इस आर्टिकल में अंत तक ताकि ट्रेडिंग से संबंधित आपका कोई भी संदेह ना रह जाए और आपको इससे जुड़ी सभी जानकारियां अच्छे से प्राप्त हो। तो बिना किसी देरी के आगे शुरू करते हैं आज का रोचक आर्टिकल।

यदि आप लोग ट्रेडिंग सर्च करते है तो आपको ज़्यादातर आर्टिक्ल इंग्लिश मे देखने को मिल जाएंगे इसीलिए हम आपको लेकर आए हैं, Trading In Hindi। यहाँ आपको सारी जानकारी हिन्दी भाषा मे मिलेगी जिससे इसे आप आसानी से समझ पाएँ। साथ ही साथ हम इसके विभिन्न प्रकार, इसको कैसे इस्तेमाल करें, स्टॉक ब्रोकर क्या होता है, इसके कुछ Fun Facts के बारे मे भी बात करेंगे।

Trading क्या है? (What is trading?)

दोस्तों अगर आपको भी ट्रेडिंग (Trading) शब्द का वास्तविक अर्थ नहीं पता है तो इसमें कोई घबराने वाली बात नहीं है क्योंकि बहुत सारे व्यक्तियों को ट्रेडिंग (Trading) और शेयर मार्केट मैं कुछ खास फर्क नहीं दिखता। परंतु दोनों में ही एक बहुत बड़ा अंतर है। सामान्य बोलचाल की भाषा में हम ट्रेडिंग (Trading) को कोई व्यापार करना कह सकते हैं यानी किसी वस्तु का आदान प्रदान करना जिससे हमें कुछ फायदा हो सके।

Trading क्या है?

दोस्तों पैसे निवेश करने में और ट्रेडिंग (Trading) करने में मुख्य अंतर यही है की ट्रेडिंग (Trading) 1 साल के लिए वेद होती है अर्थात अगर आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो आपको 1 साल के अंदर ही बेचना है अगर आप उस शेर को 1 साल से ऊपर अर्थात 1 साल के बाद भेजते हैं तो यह निवेश करना कहलाता है। ट्रेडिंग से जुड़ी सारी जानकारी हम आज के आर्टिकल Trading In Hindi में कवर करेंगे।

स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग क्या है? (what is stock market trading?)

स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग (Trading) प्रोग्राम आपको समझ आए तो आप ऐसा मान लीजिए कि आपने किसी एक कंपनी के बहुत सारे शेयर खरीद लिए हैं और अब जब उनका दाम बढ़ जाएगा तो आप और बढ़े हुए दामों पर इन शेयर को बेच देंगे जिससे आपको एक अच्छा खासा मुनाफा होगा। यह शेयर आपके पास स्टॉक के रूप में रहते हैं जब तक आप इन्हें बेचते नहीं है। इसलिए इसे स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग कहते हैं।

stock market trading

दोस्तों ट्रेडिंग में कभी-कभी नुकसान भी होता है। जब शेयर मार्केट में उछाल होता है तब निवेशकों को फायदा होता है। वहीं यदि शेयर मार्केट में कुछ गिरावट देखने को मिले तो निवेशकों को नुकसान भी देखना पड़ सकता है। फिलहाल हम यहां के संबंध में ज्यादा वार्तालाप नहीं करेंगे क्योंकि हमारा उद्देश्य आपको स्टॉक मार्केट Trading In Hindi समझाना है।

स्टॉक शेयर ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?(How many types of  stock share market trading?)

स्टॉक शेयर ट्रेडिंग (Trading), समय के हिसाब से तीन प्रकार से विभाजित की गई है-

  • Intraday trading
  • Positional trading
  • Short time trading or Swing trading

Intraday trading किसे कहते हैं? (What is intraday trading?)

जब कोई ट्रेडर किसी शहर की एक ही दिन में खरीद व बिक्री कर लेता है तू इस प्रकार की ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading) or एक दिवसीय ट्रेडिंग कहते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति किसी कंपनी के 10 शेयर सुबह खरीदना है और शाम में उन सभी शेयर को भेज देता है तो उसके द्वारा करी गई ट्रेडिंग, इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading) या एक दिवसीय ट्रेडिंग (One Day trading) कहलाती है।

अगर हम बात करें मार्केट खुलने की टाइम की तो इंडिया में शेयर बाजार सुबह लगभग 9:30 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे तक चालू रहते हैं। हमारा आज का आर्टिकल Trading In Hindi काफी रोचक है, इसे पढ़कर आपके सभी ट्रेडिंग (Trading) से संबंधित सारे प्रश्न पॉइंट टू पॉइंट कवर हो जाएंगे।

Positional trading किसे कहते हैं? (What is Positional trading?)

पोजीशनल ट्रेडिंग, ट्रेडिंग (Trading) का दूसरा प्रकार है। इस प्रकार कि ट्रेडिंग के अंतर्गत कोई भी ट्रेडर अपने को शेयर को रोशन करता है वह उस दिन ना बेच कर लगभग एक 2 सप्ताह तक अपने पास रखता है तो वह पोजीशनल ट्रेडिंग का एक प्रकार कहलाता है। लेकिन यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि उस ट्रेडर को अपने शेयर के लिए डिलीवरी लेनी पड़ती है।

अर्थात जितने कीमत के वे शेयर हैं, उतनी उसकी पूरी राशि उसे अपने ब्रोकर को चुकानी पड़ती है। तभी उसके डिमैट अकाउंट (Demat account) में उसके द्वारा खरीदे गए शेयर दिखाई देने लगते हैं। इस प्रकार की ट्रेडिंग (Trading) में ट्रेडर को ज्यादा नुकसान नहीं होता है। शेयर मार्केट की रोज गिरावट , मंदी या बढ़ोत्तरी से इन ट्रेडर्स को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है।

Swing trading क्या है? (What is swing trading?)

यह ऊपर बताई गई दोनों प्रकारों के ट्रेडिंग (Trading) से थोड़ी सी अलग है। यह ट्रेडिंग (Trading) उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होती है जो सिर्फ कभी-कभी ट्रेडिंग (Trading) करते हैं अर्थात उनका मूल उद्देश्य ट्रेडिंग (Trading) का नहीं होता है।

उदाहरण के लिए कोई भी स्टूडेंट यदि कुछ शेयर खरीद कर ऐसे ही छोड़ देता है और दो-तीन हफ्तों के बाद उन्हें बेचता है तो यह स्विंग ट्रेडिंग (swing Trading) कहलाती है। इसमें ट्रेडर केवल कुछ दिनों के लिए ही शेयर खरीदे थे वह भेजते हैं। उम्मीद करते हैं दोस्तों हमारा आज का topic Trading In Hindi से आपको बहुत कुछ सीखने को मिल रहा होगा।

ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें? (How to start trading?)

दोस्तों अगर आप जानना चाहते हैं कि ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करें, तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं। हमारा आर्टिकल Trading In Hindi में आपको शुरू से लेकर अंत तक ट्रेडिंग के विषय में बहुत सारी जानकारी प्राप्त होगी। अतः हमारे इस आर्टिकल में अंत तक बने रहें। चलिए बात कर लेते हैं कि ट्रेडिंग (Trading) की शुरुआत करने के लिए हमें किन-किन चीजों की आवश्यकता होती है-

तो दोस्तो ट्रेडिंग (Trading) की शुरुआत करने के लिए हमें तीन प्रकार के अकाउंट की जरूरत होती है जो कि नीचे बताए गए हैं-

  • Trading account
  • Demat account
  • Any bank account

चलिए अब हम आपको उन तीनों अकाउंट के बारे में समझाते हैं।

Trading account क्या है? (what is a trading account?)

ट्रेडिंग नाम से ही साफ हो रहा है कि यह आपका वह अकाउंट होगा जिसके द्वारा आप अपने पैसे का लेनदेन करेंगे अर्थात आप अपने रुपयों का सारा काम ट्रेडिंग (Trading) अकाउंट वाले खाते से ही करेंगे। आपका कितने रुपए का भी लेनदेन हो वह सब ट्रेडिंग अकाउंट (trading account) में ही संपन्न होगा इसी अकाउंट में आप अपने शेयर को स्टोर करके रख सकते हैं या उन्हें sell भी कर सकते हैं।

जब आप किसी शेयर को अपने ट्रेडिंग अकाउंट से खरीदते हैं तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में से उन शेयरों की कीमत के बराबर रुपए कट जाएंगे और आपके अकाउंट में इतनी कीमत के शेयर आ जाएंगे। अर्थात कहने का तात्पर्य यह है कि ट्रेडिंग अकाउंट ही आप का लेखा-जोखा बनेगा। बिना ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाए आप शेयर मार्केट में कदम नहीं रख सकते हैं इसलिए ट्रेडिंग अकाउंट बहुत ही आवश्यक है।

Demat account क्या है? (What is a demat account?)

जब आप अपना ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाते हैं तो साथ में ही आपको अपने डिमैट अकाउंट खुलवाना पड़ता है। डिमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट एक दूसरे से लिंक रहते हैं एवं दोनों एक साथ ही खुलते हैं। दोस्तों डीमैट अकाउंट एकदम आपके नॉर्मल बैंक अकाउंट की तरह ही होता है। यह डीमेट अकाउंट आपके लिए एक स्टोर की तरह काम करता है। आप जितने भी शेयर अपने ट्रेडिंग अकाउंट से खरीदेंगे वह आपके डिमैट अकाउंट में जमा हो जाएंगे और फिर अपने हिसाब से आप इन शेयरों को जितने दिन तक रखें आप बिना किसी समस्या के रख सकते हैं।

इसे जरूर पढ़े-

Share Market Me Paise Kaise Lagaye | शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं?

डिमैट अकाउंट के लिए बैंक अकाउंट की आवश्यकता क्यों पड़ती है?( For using a demat account, why do we need a bank account?)

दोस्तों वैसे तो इस सवाल का उत्तर आप जानते ही होंगे परंतु फिर भी हम आपको थोड़ा समझाने की कोशिश कर रहे हैं। दोस्तों आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट से जो भी लेनदेन करेंगे तो उस लेनदेन के लिए आपको एक बैंक अकाउंट की आवश्यकता होगी, जिस बैंक अकाउंट में आपका आपका पैसा होगा। क्योंकि उस पैसे से ही आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट में लेनदेन कर पाएंगे। तो यहां यह बात तो एकदम क्लियर हो गई है कि हमें ट्रेडिंग और डिमैट अकाउंट के साथ-साथ बैंक अकाउंट की भी आवश्यकता होगी, जिससे कि हम अपने लेनदेन को जारी रख सकें। दोस्तों आपको trading in hindi आर्टिकल कैसा लग रहा है जरूर बताइएगा।

स्टॉक ब्रोकर किसे कहते हैं? (What is a stock broker?)

हमारे द्वारा खरीदे गए शेयर और उस कंपनी के मध्य संबंध स्थापित करवाने वाले सिस्टम को स्टॉक ब्रोकर कहते हैं। इंटरनेट पर आजकल बहुत सारे स्टॉक brokers मौजूद हैं। यह स्टॉक ब्रोकर आपके डीमेट ट्रेडिंग अकाउंट दोनों का ही रखरखाव अच्छे से करते हैं। परंतु उसके बदले में आप से यह थोड़ा शुल्क भी ले लेते हैं।

अलग-अलग ब्रोकर्स के अलग-अलग शुल्क होते हैं। कुछ ब्रोकर्स का वार्षिक चार्ज निशुल्क होता है तो कुछ का वार्षिक चार्ज 500Rs से लेकर 700Rs तक भी होता है। वैसे तो मार्केट में बहुत सारे ब्रोकर्स उपलब्ध है लेकिन हम आपको नीचे कुछ फेमस ब्रोकर्स के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। Trading In Hindi में आपने ट्रेडिंग के बारे में क्या-क्या सीखा यह अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें।

  • Upstox
  • AngelOne
  • Zerodha
  • Icici demat अकाउंट
  • आईआईएफएल(IIFL)

डिलीवरी ट्रेडिंग किसे कहते हैं? (What is delivery trading?)

डिलीवरी ट्रेडिंग के अंतर्गत हमारे जितने भी शेयर खरीदे हुए होते हैं वे सब एक स्टॉक के रूप में सुरक्षित रहते हैं हम उन्हें जब चाहे अपनी इच्छा अनुसार सेल सकते हैं। इस डिलीवरी ट्रेडिंग में कोई टाइम लिमिट नहीं होती है अर्थात हम कह सकते हैं यह एक प्रकार का निवेश करना होता है। जो लोग निवेश में रुचि रखते हैं परन्तु ज्यादा इन्वेस्ट नहीं करना चाहते हैं, उनके लिए डिलीवरी ट्रेडिंग एक बहुत अच्छा विकल्प है।

डिलीवरी ट्रेडिंग करने से पहले कुछ ध्यान देने योग्य बातें (Some points to be remembered while delivery trading)

दोस्तों भले ही आपको डिलीवरी ट्रेडिंग के बारे में अच्छी नॉलेज हो लेकिन फिर भी हम यहां कुछ टिप्स आपको बता रहे हैं जो आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं

  • डिलीवरी ट्रेडिंग में शेयर खरीदने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आपके अकाउंट में पर्याप्त धन है या नहीं। क्योंकि आप तब तक बायसेल नहीं कर सकते जब तक आपके अकाउंट में पूरा अमाउंट ना हो।
  • स्टोर खरीदने के बाद कृपया थोड़ा इंतजार करें फिर उसके बाद किसी शेयर को भेजें ताकि आपको नुकसान ना देखना पड़े। हमेशा जल्दी में ना रहे।
  • स्टॉक बेचने से पहले आपको सलाह दी जाती है कि आप उसमें स्टॉप लॉस (Stop loss) या प्राइस (prices) का अच्छे से मूल्यांकन कर ले। हमारे आर्टिकल Trading In Hindi को ध्यानपूर्वक पढ़ें। हमने इसमें बहुत ही अच्छे तरीके बताएं जिनसे आप ट्रेडिंग के बारे में अच्छी खासी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • आप एक साथ एक से अधिक कंपनियों में निवेश कर सकते हैं और यह आपके लिए फायदेमंद भी रहेगा। क्योंकि शेयर मार्केट में कभी किसी कंपनी में बढ़ोतरी होती है तो कभी कोई कंपनी घाटे में चलती है। अगर आप एक से अधिक कंपनी में निवेश करे हुए होंगे तो आप कभी नुकसान में नहीं रहेंगे। क्योंकि आपके पास एक से अधिक कंपनियों के शेयर से होंगे जिन्हें आप उस कंपनी को कैश करा सकते हैं जिसके शेयर बेचने से आपको मुनाफा हो।
  • इस बिंदु पर हम आपको एक अच्छा ब्रोकर पसंद करने के लिए कहेंगे, जिसका डिलीवरी ट्रेडिंग पर कम से कम शुल्क हो। क्योंकि अधिक शुरू होने पर भी आपको कोई ज्यादा मुनाफा देखने को नहीं मिलेगा अतः ऐसे ब्रोकर का चयन करें जो आप को न्यूनतम शुल्क के साथ अच्छी सुविधाएं प्रदान करा सके।

Trading in Hindi से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न (Some important questions about trading in Hindi)

प्रश्नट्रेडिंग का संक्षेप में अर्थ क्या है? (What is Trading meaning in brief?)

उत्तर – आम बोलचाल की भाषा में ट्रेडिंग का अर्थ होता है व्यवसाय अर्थात सामान का क्रय विक्रय करना ही ट्रेडिंग कहलाता है।

प्रश्नट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? ( How many types of trading?)

उत्तर – सामान्यता ट्रेडिंग को तीन भागों में बांटा गया है। हमने अपने आर्टिकल Trading In Hindi में इन तीनों प्रकार की tradings का अच्छे से वर्णन किया है आप ऊपर आर्टिकल मैं इस बारे में अच्छे से पढ़ सकते हैं।

प्रश्नक्या ट्रेडिंग एंड डीमेट अकाउंट एक ही होता है? (Are Demat and trading accounts are same?)

उत्तर – दोस्तों ट्रेडिंग और डिमैट अकाउंट अलग-अलग होते हैं। ट्रेडिंग का तात्पर्य हमारे खाते से लेन-देन के बारे में रहता है, और डिमैट अकाउंट में हमारे द्वारा खरीदे गए शेयर सुरक्षित रहते हैं परंतु यहां मजेदार बात यह है कि ट्रेडिंग अकाउंट के साथ ही डीमेट अकाउंट activate होता है अर्थात एक दूसरे से लिंक रहते हैं।

प्रश्नब्रोकरेज चार्ज किसे कहते हैं? (What are Brokerage fees?)

उत्तर – ब्रोकरेज चार्ज ब्रोकरेज कंपनी द्वारा दिया जाता है जो हमारे ट्रेडिंग और डिमैट अकाउंट का रखरखाव करते हैं। हमारे द्वारा sell किए गए ऑर्डर पर भी यह कुछ ना कुछ चार्ज लेते हैं।

गोविन्द आर्या

Hello friends my name is Govind Arya and I am a student of polytechnic (Information Technology) and I am very fond of writing so I give Hindi content for someone's website. And give information about internet and government scheme.
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